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सही समझ
एक सही समझ ही हमें उच्चतम शिखर पर पहुंचा सकती है
भारत में असीम सम्भावनायें है अब हमें तय करना है की हम इन संभावनायों को कैसे sam
अखंड भारत
समतुल्यता
देखने का रूप अच्छे या बुरे की परिभाषा से ऊपर होना चाहिए
साधना संभावनाओं का एक रूप है
कुशल नेतृत्व समाज निहित कार्यों की प्रथम प्राथमिकता है
जीवन में कोई लक्ष्य तय करना मुर्खता है
हमें वाही करना चाहिए जिसकी आवश्यकता है
अपने जीवन के मूल तत्वों को भूलना धर्म अपमान सामान है इन्हें स्वीकारें नकारें नहीं
आस्था सकारत्मकता में रखो
राधेय वशिष्ठ
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